बाबा आएगा
अक्सर लोग अपने माँ बाप भाई बहन से pareshaan hoker जब बाबा या jyotishi के पास जाते है
बचपन में हम अपनों की गोद में
छुपा के सर ख़ुद
सुकून से सो जाते थे
जब कोई कहता
बाबा आएगा
और उठा कर ले जाएगा
आज अपने ही चमन में
जब अपनों के सताने पर
आती नही है नीद hame
बाबा के पास जाते और
दिखा कर हाथ कहेते
bare कष्ट में है हमबाबा
ले लो अपनी शरण
2 comments:
परिस्थितियां और नियति फिर वैराग्य । बाबा तो एक माध्यम है ।
अर्चना जी, सुन्दर चिन्तन को प्रस्तुत करती कविता के लिये आभार ।
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वाह वाह क्या बात है ! शानदार लिखा है आपने!
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