Thursday, May 7, 2009

योगी



बाहर खड़ा है योगी बोले मीठी बोली

ये दुनिया है खेल तमाशा ले ले ज्ञान की गोली

मोह माया में फंसा है तू करता है हमजोली

कैसेट ले ले पुस्तक ले ले ,पढ़ ले थोरी थोरी

खर्चे मेर बहुत बढ़ गए ,कर न आँख मिचौली

थोरा सा तू पैसा दे दे ,ले ले ताबीज मोरी .........

बहुत बार में योगी हूँ,न जाता किसी के द्वार

बेटे में दिक्कत में है, करना है उपचार........

रोग तुम्हारा मुझे पता है, करना है निदान

गुरु मंत्र में छुपा हुआ ,तेरा सारा इलाज .......

मोह माया तू चोरे के आजा ,गांठ में पैसा ले के आजा

चिलम पिला दे फूँक लगा दे ,मुद्रा दे दे थोरी........

जोगिया रंग है धारा मेंने कपडा hai videshi

bahut se shishya door se baithi leti gyan ki goli .....