पत्थर बोलते है
इंसान चुप हो तो पत्थर बोलते है
किसको फुर्सत है वो क्या बोलते है
हाथ में आते ही आवाज़ बन जाते है
राह में आते ही रास्ता बन जाते है
किनारे खड़े हो तो दिशाए खोलते है
बुत बन जाये तो पैगाम खोलते है।
मंदिर में लुड़क आये तो शिव बोलते है
मस्जिद में जम जाये तो खुदा बोलते है
पत्थरों में भी धरकन है ये वो बोलते है
फुर्सत है तू सुन लो वो क्या बोलते है ........
अर्चना गंगवार